नई दिल्ली: इमारत शरिया के प्रमुख वली रहमानी ने गृह मंत्री अमित शाह द्वारा एनआरसी और नागरिकता संशोधन बिल पर दिए गए बयान को लेकर तीखी प्रतिक्रिया दी है। वली रहमान के मुताबिक अमित शाह एनआरसी के मुद्दे को लेकर गलत बयान बाजी कर रहे हैं और वह देश में दहशत का माहौल पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं एक तरफ अमित शाह जहां कहते हैं कि किसी के साथ भेदभाव नहीं किया जाएगा वहीं दूसरी तरफ वह मुसलमानों के अलावा सभी नागरिकों को नागरिकता देने की बात कहते हैं जो कि किसी भी हाल में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
मौलाना वली रहमानी के मुताबिक जब हमेशा मुसलमानों के अलावा सबको एनआरसी में छूट दे ही रहे हैं तो सीधे तौर पर क्यों नहीं कहते कि ये मुसलमानों के खिलाफ रचा गया एक षड्यंत्र है यानी इसके जरिए सिर्फ मुसलमानों को ही परेशान किया जाएगा।

याद रहे कि कल अमित शाह ने संसद में एनआरसी और नागरिकता संशोधन बिल पर टिप्पणी करते हुए कहा था कि एनआरसी को पूरे देश में लागू किया जाएगा और इसमें धर्म के आधार पर कोई भेदभाव नहीं होगा तथा हिंदू सिख ईसाई एवं जैनियों को जिनके नाम एनआरसी में शामिल नहीं होंगे उन्हें अमेंडमेंट बिल के जरिए शामिल किया जाएगा। ज्ञात हो अमित शाह ने इस में मुसलमानों का नाम नहीं लिया तो क्या यह समझा जाए की इसके जरिए सिर्फ मुसलमानों को परेशान करने की योजना बनाई जा रही है।
वली रहमानी के मुताबिक अमित शाह लोगों को भ्रमित कर रहे हैं क्योंकि संशोधन बिल अलग है और एनआरसी अलग और इन दोनों के बीच एक गहरा संबंध है यानी जिन लोगों के नाम एनआरसी में नहीं आएंगे उन्हें संशोधित बिल के जरिए एनआरसी में जगह दे दी जाएगी लेकिन सवाल तो यह है क्या मुसलमानों को भी इसमें में जगह मिलेगी?
अमित शाह का कहना है कि नागरिकता संशोधन बिल के साथ, सभी हिंदुओं, सिखों, जैन, बौद्ध और ईसाई सभी पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान, आदि से आये हिंदुओं को नागरिकता दी जाएगी जिसका अर्थ है कि क्या वे कानूनी रूप से या अवैध रूप से भारत में प्रवेश कर चुके हैं और उन्हें इसके लिए किसी दस्तावेज की कोई आवश्यकता नहीं है, मुसलमानों को बाहर रखा गया है। जो घोर धार्मिक भेदभाव है। सरकार खुलेआम धार्मिक घृणा और पूर्वाग्रह का खेल बड़ी शर्म से खेल रही है।
मौलाना वली रहमानी ने कहा कि मुसलमान भाजपा और अमित शाह की चाल को समझते हैं इसलिए उन्हें धोखा देना और गुमराह करना बंद करना चाहिए। मौलाना वली रहमानी ने मुसलमानों से अपील की है कि वे अपने तमाम कागज और दस्तावेज़ तैयार करें और बिल्कुल भी किसी तरह से भी न घबराएं। मुसलमानों ने इस देश की आजादी में सबसे ज्यादा कुर्बानियां दी है और यह देश उतना ही मुसलमानों का जितना की और लोगों का। संविधान ने मुसलमानों को और इस देश के नागरिकों को जो अधिकार दिए हैं उसे कोई नहीं छीन सकता । सरकारी तो आती-जाती रहेंगी लेकिन यह देश और इसका संविधान और यहां के मुसलमान हमेशा बने रहेगें।