आंख के विभिन्न रोगों, मोतियाबिंद, रतौंधी एवं नजर कमजोरी का इलाज




मुखबिर न्यूज़: आंख हमारे शरीर का सबसे संवेदनशील हिस्सा है बगैर आंखों के हमारे लिए यह दुनिया अंधकारमय है। कई बार भोजन इत्यादि पर सही ध्यान न देने की वजह से हमारी आंखें कमजोर हो जाती है लेकिन क्या आप जानते हैं कि कुछ तरीकों का प्रयोग कर आप नेत्र सम्बन्धी विभिन्न बीमारियों से निजात पा सकते हैं

गुहेरी होने पर

छुआरे की गुठली को घिसकर फुंसी पर लगाएं। इमली के बीज की गिरी को साफ पत्थर पर घिसकर गुहेरी पर लगाने से लाभ मिलता है । यह नुस्खा तभी आजमाएं जब फुंसी बाहर की तरफ हो। दूसरा तरीका ये है कि दो लौंग पानी में घिसकर गुहेरी पर लगाएं ।

नजर की कमजोरी

पचास ग्राम काला सुरमा, प्याज के पॉच सौ ग्राम रस में खरल करके, छानकर शीशी में भर लें । इस सुरमे की एक-एक सलाई सुबह-शाम आँख में लगाएं । यह नजर की कमजोरी के अलावा धृंध, जाला, रोहे आदि में भी कारगर है ।

आंखों की गुहेरी, रतौंधी और मोतियाबिंद

आंख की फंसी (गृहेरी) के उपचार के लिए आम के पेड़ से पत्ता तोड़ने पर जो रस निकलता है, सावधानीपूर्वक उसे गुहेरी पर लगा लें । दो-तीन दिन उस गूहेरी वाली जगह पर कालापन रहेगा, पर बाद में ठीक हो जाएगा ।

रतौधी (रात में न दिखाई पड़ना) में नीम की दस ताजा पत्तियां बीस ग्राम गुड़ मिलाकर सुबह खाली पेट और रात में सोते समय खाएं । पन्द्रह दिन सेवन करने से लाभ मिलता है । काली मिर्च को दही में पीसकर आंखों में लगाएं । रतौधी में उपयोगी है । 

मोतियाबिंद होने पर सफेद फिटकरी लगभग पैंतीस ग्राम, नीला थोथा आधा ग्राम और छोटी इलायची लगभग साढ़े पांच ग्राम- तीनों को खूब बारीक पीसकर कपड़छन कर लें और फिर एक 750 मिली० वाली बोतल में डालकर, बोतल को जल से भरकर, ढक्कन लगाकर रख दें । दस दिन तक बोतल को दिन में तीन-चार बार हिलाते रहें । ग्यारहवें दिन से दवा का इस्तेमाल शुरू करें । रोजाना सोते समय 2-3 बूंद दवा आंख में डालें । काफी उपयोगी नुस्खा है ।

आंख से पानी आने पर

अमरूद के पत्तों का रस दोनों आंखों में डालें व बर्फ से आँखों की सिकाई करें

आंखों की रोशनी कम होना

8 पाव भर दध में थोड़ा शुद्ध घी मिलाकर अथवा गाय के ताजे घी में मिश्री मिलाकर सेवन करने से आँखों की रोशनी बढ़ती है ।काली मिर्च एक ग्राम, हल्दी तीन ग्राम और हरड़ दो ग्राम, गुलाबजल में मिलाकर आंखों पर लगाएं । जायफल को पानी में घिसकर आँखों की पलकों के ऊपर कुछ देर तक, दिन में एक बार लगाने से फायदा होता है ।

असगंध का चूर्ण और मुलैठी का चूर्ण बराबर-बराबर (चार-चार ग्राम) और आंवले का रस आठ ग्राम; तीनों को मिलाकर रोजाना एक बार सेवन करने से 6-7 माह में आंखों की रोशनी बढ़ जाती है। रोज सवेरे आंखों में शुद्ध शहद की काजल को तरह लगाने से फायदा होता है ।

आंखें का दुखना

गरम पानी में जस्ते का फूला डालकर सेंकने से दर्द बंद होता है | गेंदे के पत्ते पीसकर उसकी टिकिया आँखों पर बांधे । रुई के फाहों पर दूध की मलाई रखकर आंखों पर बांधे ।

हल्दी के पानी में कपडा भिगोकर गुलाबजल में थोड़ा फिटकरी का फूला डालकर उसे कई बार आँखों में बंद-बंद टपकाएं।

हल्दी, आमा हल्दी, रसौत, फिटकरी, लोभ्र, इनद्र जौ, अफीम, ग्वारपाठे का गूदा-इन्हें पीसकर पलकों पर व आंखों के आस-पास लेप करें । हरड़-बहेड़ा,आंवला और पोस्ते के डोडे में घोलकर छान लें और गर्म पानी में उबाली गई शीशी में रखें । दुखती हुई आंखों में दिन में चार बार दो-दो बूंद दवा डालने से लाभ होता है ।

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