अज़ीम प्रेमजी एक ऐसा मुसलमान जिसने इस देश के लिए अरबों करोड़ों की संपत्ति दान कर दी। जो न केवल व्यापार जगत में प्रसिद्ध है, बल्कि अपनी दानशीलता और सामाजिक कार्यों के लिए भी जाना जाता है। वे विप्रो कंपनी के संस्थापक और चैरिटेबल फाउंडेशन के प्रमुख हैं।
अज़ीम प्रेमजी का जीवन परिचय
- जन्म: अज़ीम प्रेमजी का जन्म 24 जुलाई 1945 को मुंबई में हुआ।
- शिक्षा: उन्होंने अपनी शिक्षा स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी से की, जहां उन्होंने इंजीनियरिंग की डिग्री प्राप्त की।
व्यापारिक सफर
- विप्रो की स्थापना: अज़ीम प्रेमजी ने 1966 में विप्रो की स्थापना की। शुरुआत में यह कंपनी एक छोटे से तेल और साबुन के व्यवसाय के रूप में शुरू हुई।
- आईटी उद्योग में प्रवेश: उन्होंने कंपनी को आईटी उद्योग में अग्रणी बना दिया और इसे वैश्विक स्तर पर जाना-पहचाना नाम बना दिया।
दानशीलता की कहानी
- प्रेमजी फाउंडेशन: अज़ीम प्रेमजी ने प्रेमजी फाउंडेशन की स्थापना की, जो शैक्षिक सुधार, स्वास्थ्य, और ग्रामीण विकास के लिए कार्य करता है।
- दान का Commitment: उन्होंने अपने व्यक्तिगत धन का लगभग 34% हिस्सा दान देने का संकल्प लिया है, जो उन्हें भारत के सबसे बड़े दानवीर व्यक्तियों में से एक बनाता है। अजीम प्रेमजी अब तक करोड़ो की संपति दान कर चुके हैं।
अज़ीम प्रेमजी के सामाजिक कार्य
- शिक्षा में सुधार: प्रेमजी फाउंडेशन के जरिए उन्होंने भारत के विभिन्न हिस्सों में शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने के लिए कई कार्यक्रम चलाए हैं।
- स्वास्थ्य और विकास: उन्होंने ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं को सुधारने और सामाजिक विकास के लिए भी कई पहल की हैं।
सम्मान और पुरस्कार
- उन्हें कई पुरस्कारों से सम्मानित किया गया है, जिनमें फॉर्च्यून द्वारा "भारत का सबसे दानवीर व्यक्ति" का खिताब शामिल है।
- उनकी दानशीलता और सामाजिक कार्यों के लिए उन्हें अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी सराहा गया है।
अंतिम शब्द
अज़ीम प्रेमजी केवल एक सफल व्यवसायी नहीं हैं, बल्कि वे एक प्रेरणास्त्रोत भी हैं। उनकी दानशीलता और समाज के प्रति उनकी प्रतिबद्धता ने उन्हें न केवल भारत में, बल्कि पूरी दुनिया में एक विशेष स्थान दिलाया है। उनका योगदान यह दर्शाता है कि आर्थिक सफलता के साथ-साथ समाज के प्रति जिम्मेदारी भी उतनी ही महत्वपूर्ण है।
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