मुखबिर: रूस-यूक्रेन युद्ध को समाप्त करने के प्रयासों के तहत, 23 अप्रैल 2025 को लंदन में एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई, जिसमें अमेरिका, ब्रिटेन, यूरोपीय देशों और यूक्रेन के वरिष्ठ राजनयिकों और रक्षा अधिकारियों ने भाग लिया। इस बैठक का उद्देश्य युद्धविराम और दीर्घकालिक शांति समझौते की संभावनाओं पर चर्चा करना था।
बैठक के प्रमुख बिंदु:
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अमेरिका की भागीदारी में बदलाव: अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने शेड्यूल संबंधी समस्याओं के कारण बैठक में भाग नहीं लिया, जिससे उच्च स्तरीय वार्ता को निम्न स्तर पर ले जाया गया।
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यूक्रेन की स्थिति: यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की ने स्पष्ट किया कि उनका प्रतिनिधिमंडल केवल बिना शर्त या आंशिक युद्धविराम पर चर्चा करेगा। उनका मानना है कि पूर्ण युद्धविराम के बाद ही किसी भी प्रारूप में बातचीत संभव है।
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रूस की प्रतिक्रिया: रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने 30 घंटे के एकतरफा युद्धविराम की घोषणा की, लेकिन यूक्रेन और ब्रिटिश अधिकारियों ने आरोप लगाया कि इस अवधि में भी रूसी हमले जारी रहे।
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ब्रिटेन की भूमिका: ब्रिटिश रक्षा सचिव जॉन हीली ने बताया कि बैठक में विदेश मंत्रियों और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों ने युद्ध को रोकने और दीर्घकालिक शांति सुनिश्चित करने के उपायों पर विस्तार से चर्चा की।
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अमेरिकी दूत की भागीदारी: पूर्व लेफ्टिनेंट जनरल कीथ केलॉग, जो राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के विशेष दूत हैं, ने भी बैठक में भाग लिया, जिससे अमेरिका की शांति प्रक्रिया में सक्रिय भूमिका का संकेत मिलता है।
निष्कर्ष:
लंदन में आयोजित यह बैठक रूस-यूक्रेन युद्ध को समाप्त करने के लिए अंतरराष्ट्रीय समुदाय के प्रयासों का एक महत्वपूर्ण कदम है। हालांकि, विभिन्न देशों के दृष्टिकोण और शर्तों में मतभेद के कारण शांति वार्ता में प्रगति की गति धीमी है। भविष्य में इस दिशा में और प्रयासों की आवश्यकता होगी।