8 जून 2025 | डिजिटल डेस्क, तेहरान ईरान ने अमेरिका द्वारा लगाए गए नए यात्रा प्रतिबंधों की कड़ी निंदा की है। यह प्रतिबंध ईरान सहित कुछ चुनिंदा मुस्लिम-बहुल देशों के नागरिकों की अमेरिका में एंट्री पर रोक लगाता है। तेहरान का कहना है कि यह कदम न केवल भेदभावपूर्ण है, बल्कि अमेरिका की शत्रुतापूर्ण मानसिकता को भी उजागर करता है।
ट्रंप प्रशासन का फैसला और उसका तर्क
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कुछ दिनों पहले राष्ट्रीय सुरक्षा का हवाला देते हुए आदेश पर हस्ताक्षर किए, जिसके तहत 12 देशों के नागरिकों की अमेरिका यात्रा पर प्रतिबंध लगाया गया। इस सूची में ईरान, अफगानिस्तान, सीरिया जैसे देश शामिल हैं। ट्रंप प्रशासन का दावा है कि इन देशों से आने वाले कुछ लोग अमेरिका की सुरक्षा के लिए खतरा बन सकते हैं।
ईरान की तीखी प्रतिक्रिया
ईरान के विदेश मंत्रालय ने इस फैसले को “राष्ट्रीयता और धर्म के आधार पर भेदभाव” करार दिया है। सरकारी समाचार एजेंसी इरना को जारी बयान में ईरान ने कहा:
“यह निर्णय अमेरिका की भेदभावपूर्ण मानसिकता और अंतरराष्ट्रीय कानून के सिद्धांतों का घोर उल्लंघन है। इससे यह साफ़ होता है कि वाशिंगटन सरकार अभी भी धर्म और नस्ल के आधार पर फैसले ले रही है।”
बयान में आगे कहा गया कि ईरान संयुक्त राष्ट्र और मानवाधिकार संगठनों से अपील करता है कि वे इस तरह की एकतरफा नीतियों का सार्वजनिक रूप से विरोध करें।
नागरिकों के अधिकारों की सुरक्षा का ऐलान
ईरान ने यह भी स्पष्ट किया है कि वह अपने नागरिकों के अधिकारों की रक्षा के लिए हर कानूनी और राजनयिक उपाय अपनाएगा। तेहरान का मानना है कि यह प्रतिबंध केवल राजनयिक संबंधों को और खराब करेगा, जिससे क्षेत्रीय तनाव और बढ़ सकता है।
क्या यह फैसला केवल सुरक्षा के लिए?
हालांकि अमेरिका ने इस प्रतिबंध को राष्ट्रीय सुरक्षा के लिहाज़ से उचित बताया है, लेकिन अंतरराष्ट्रीय समुदाय में इस पर गंभीर सवाल उठने लगे हैं। क्या यह कदम वाकई सुरक्षा के लिए है या फिर यह मुस्लिम देशों के प्रति पूर्वाग्रह को दर्शाता है? ईरान जैसे देश इस सवाल को जोर-शोर से उठा रहे हैं।
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